Details, Fiction and sidh kunjika
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
रात के समय ये पाठ ज्यादा फलदायी माना गया है.
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर here रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
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